लुणी नदी – उद्गम, लम्बाई, अपवाह क्षेत्र, परियोजना आदि की महत्वपूर्ण जानकारी और पश्न उत्तर।
- लूनी नदी का उद्गम स्थल – नाग पहाड़ियाँ (अजमेर)
- लूनी नदी का समापन- कच्छ का रण (गुजरात)
- लूनी नदी की कुल लम्बाई – 495 किमी. (राजस्थान में 330/320 किमी.)
- राजस्थान के कुल अपवाह क्षेत्र में लूनी नदी का योगदान 10.40 प्रतिशत है। लूनी नदी बनास के बाद सर्वाधिक जल ग्रहण क्षेत्र वाली नदी है।
- अन्य नाम- सागरमती/ लवणवती/ आधी मीठी-आधी खारी/ अन्तः सलिला [कालिदास के अनुसार]
- गोविन्दगढ़ (अजमेर) सरस्वती नदी मिलने के बाद इसका नाम लूनी हो जाता है।
- अपवाह क्षेत्र- अजमेर, नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर जिलों के पुनर्गठन के पश्चात लूनी नदी बहाव क्षेत्र अजमेर, नागौर, ब्यावर, पाली, जोधपुर ग्रामीण, बालोतरा, बाडमेर व साँचौर है। साँचौर व गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्र में इस नदी का बहाव क्षेत्र रेल/नेडा कहलाता है।
- यह मरूस्थलीय प्रदेश की सबसे लम्बी नदी है।
- जब अरावली पर्वतमाला में पुष्कर की पहाड़ियों में तेज वर्षा होती है तब लूनी नदी का जल स्तर बढ़ जाता है। जिससे बालोतरा कस्बे में बाढ़ आ जाती है।
लूनी नदी पर बाँध परियोजना- जसवंत सागर/ पिचियाक बाँध (जोधपुर-लूनी नदी), हेमावास (पाली-बाड़ी), बाँकली बाँध (जालौर-सूकड़ी), जवाई बाँध (सुमेरपुर, पाली – जवाई नदी)
लुणी नदी के बारे में पूर्ण जानकारी व लूणी नदी के महत्वपूर्ण प्रश्न।
लुणी नदी से सम्बंधित सभी प्रश्न उत्तर नीचे दिए गए है –
लूनी नदी (Luni River) में जल प्रदूषण का मुख्य कारण है?
(1) उर्वरक उद्योग
(2) सीमेण्ट उद्योग इकाइयाँ
(3) वस्त्रों की रंगाई और छपाई इकाइयाँ
(4) रसायन उद्योग
Ans. – वस्त्रों की रंगाई और छपाई इकाइयाँ
किस भू-आकृतिक प्रदेश में नरसिंहपुर पहाड़ और हिंगलाज का मगरा स्थित हैं?
(1) माही बेसिन
(2) लूनी बेसिन
(3) बनास बेसिन
(4) चम्बल बेसिन
Ans. – लूनी बेसिन
निम्नलिखित में से कौनसी नदी बेसिन राजस्थान के पूर्वी मैदान का भाग नहीं है?
(1) चंबल बेसिन
(2) बनास बेसिन
(3) माही बेसिन
(4) जवाई बेसिन
Ans. – जवाई बेस